Wednesday, December 25, 2024
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सरकार ने विद्युत दरों को बढ़ाकर राज्य की जनता के साथ किया धोखा,बढ़ी हुई दरों को वापस ले राज्य सरकार: करन माहरा

देहरादून:- 26 अप्रैल,

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य सरकार से बढ़ी हुई विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की गरीब जनता को एक बार फिर ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लगभग 8 वर्षो के कार्यकाल में बार-बार विद्युत दरों को बढ़ाकर राज्य की जनता के साथ धोखा किया है। करन माहरा ने कहा कि कोरोना के कारण राज्य वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, लोगों के रोजी रोजगार के साधन, व्यवसाय ठप्प पडे हुए हैं परन्तु भाजपा की राज्य सरकार लोगों की पीडा को दर किनार करते हुए प्रत्येक क्षेत्र में मंहगाई बढ़ाने का काम कर रही है। बेरोजगारी के कारण जनता महंगाई की मार झेल रही है लोगों के पानी बिजली के दाम कम करने की बजाय भाजपा सरकार उनके दाम बढ़ा कर लोगों के घावों पर नमक छिडकने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विद्युत उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है यहां पर टिहरी बांध, कोटेश्वर, मनेरी-भाली सहित उत्तराखण्ड में वर्तमान में भगभग 25 जल-विद्युत परियोजना (6 मध्यम एवं 19 लघु) 2378 मेगावाट क्षमता के साथ निर्माणरत चरण में हैं, तथा 21,213 मेगावाट क्षमता वाली 197 जल-विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के विभिन्न नदी घाटियों में प्रस्तावित हैं। ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं से राज्यवासियों को लाभ के रूप में घरेलू उपभोग के लिए मात्र 1 रूपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली दी जानी चाहिए जो कि यहां के निवासियों का अधिकार भी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए क्योंकि य विद्युत परियोजनाओं की लाईनों के लिए यहां के किसानों की भूमि अधिग्रहित गई है जिसका कोई भी मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया जाता है।

 

माहरा ने कहा कि सरकार विद्युत उपभोक्ताओं से पहले ही मीटर चार्ज के रूप में कई वर्षों तक किराया वसूल करती है जबकि विद्युत मीटर की कीमत मात्र कुछ ही समय में पूरी हो जाती है साथ ही जमानत के रूप में कनेक्शन लेते समय मोटी रकम वसूली जाती है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार बढी हुई विद्युत दरों को शीघ्र वापस लेने, राज्य के किसानों को मुफ्त बिजली देने के साथ ही उपभोक्ताओं को एक श्रेणी में लाया जाय तथा दो वर्ष बीतने के उपरान्त उपभोक्ताओं के ऊपर से फिक्स चार्ज व मीटर किराया समाप्त किया जाए।

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