Sunday, December 7, 2025
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विधि-विधान के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

भाईदूज के पावन अवसर पर मां यमुना की डोली रवाना हुई खरसाली के लिए,

इस वर्ष 6.5 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में शामिल यमुनोत्री धाम के कपाट आज भाईदूज के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ शीतकालीन छह माह के लिए विधिवत बंद कर दिए गए।
अपराह्न 12 बजकर 30 मिनट पर यमुनोत्री मंदिर में मां यमुना की मूर्ति की विशेष पूजा के बाद पंडा-पुरोहितों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने कपाट बंद किए। इसके बाद ढोल-दमाऊ की गूंज और सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शनिदेव महाराज की अगुवाई में मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) के लिए रवाना हुई।
कपाट बंद होने के अवसर पर एसडीएम बड़कोट बृजेश तिवारी, सीओ बड़कोट देवेंद्र सिंह नेगी, नायब तहसीलदार खजान सिंह असवाल, थानाध्यक्ष दीपक कठैत, यमुनोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित, और सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
शीतकाल के दौरान श्रद्धालु खरसाली स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
चारधाम यात्रा-2025 के दौरान करीब 6.5 लाख श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए। इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में कुल 14 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो 1,55,731 छोटे-बड़े वाहनों के माध्यम से दर्शनार्थ आए।
मां यमुना की डोली के साथ श्रद्धालुओं ने जय मां यमुना के जयघोष लगाए और आगामी यात्रा सत्र की मंगलकामनाएं कीं।

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