Sunday, December 7, 2025
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नैनीताल हाईकोर्ट में हाईवोल्ट सुनवाई,उत्तरकाशी से गोमुख तक भागीरथी किनारे अवैध होटल-रिसॉर्ट निर्माण पर रोक लगाने की मांग,

उत्तरकाशी से गोमुख तक भागीरथी नदी के किनारे इको सेंसिटिव जोन में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए अवैध होटल और रिसॉर्ट बनाने की अनुमति देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से संतुष्टि नहीं जताई और आगामी 3 नवंबर को उत्तरकाशी के डीएम सहित संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता हिमालयन नागरिक दृष्टि मंच की ओर से कोर्ट में कहा गया कि हर साल क्षेत्र में बाढ़ आती है, लेकिन नदी किनारे और ग्लेशियर के आस-पास बिना वैज्ञानिक सर्वे के होटल, रिसॉर्ट और कैंप स्थापित करने की अनुमति जारी की जा रही है। यह अनुमति आपदा की संभावना को बढ़ावा देने वाली है। वहीं, सरकार ने कहा कि अनुमति देने से पहले सर्वे कराई गई है, लेकिन कोर्ट ने पूर्ण सर्वे रिपोर्ट फिर से प्रस्तुत करने को कहा है।
पर्यावरण मंत्रालय ने 18 दिसंबर 2012 को उत्तरकाशी से गंगोत्री तक 100 किमी क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था, जहां पर्यावरण संरक्षण के सख्त नियम लागू हैं और किसी भी निर्माण के लिए कमेटी की स्वीकृति अनिवार्य है। याचिका में इस क्षेत्र में जारी अवैध निर्माण और पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन पर रोक लगाने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट का निर्देश है कि एनजीटी के दिशा निर्देशों का पालन कितना हुआ, इसकी जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए, ताकि प्रकृति संरक्षण और स्थानीय जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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