मेजर ध्यानचंद जयंती के अवसर पर शुक्रवार को राजधानी देहरादून स्थित बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हाल, परेड ग्राउंड में आयोजित राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 के भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को खेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक आयोजन हेतु सक्षम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने दुनिया को भारत की खेल शक्ति का लोहा मनवाया। आज उनके आदर्शों पर चलते हुए देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक खेल शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है और उत्तराखंड भी इस मिशन में पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल और खेल भावना समाज को अनुशासन, ऊर्जा और प्रेरणा देती है, और उत्तराखंड अब अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन की दिशा में आगे बढ़ चुका है।
मुख्यमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक से लेकर हालिया पेरिस ओलंपिक, और एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप तक में भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जिÞक्र करते हुए कहा कि अब हमारे खिलाड़ी जीतने के इरादे से मैदान में उतरते हैं। उन्होंने नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, स्वप्निल कुसले, अमन सेहरावत, ज्योति याराज्जी, गुलवीर सिंह और अविनाश सबले जैसी हस्तियों का उदाहरण देते हुए खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी पहचान दिलाई है। इस प्रतियोगिता में राज्य ने 103 पदक जीतकर पहली बार 7वां स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, और हाल ही में देश की एकमात्र ओलंपिक स्टैण्डर्ड हिमाद्रि आइस रिंक में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा चुका है, जो भारत में शीतकालीन खेलों के लिए मील का पत्थर है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही ‘स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ लागू करने जा रही है। इसके तहत आठ शहरों में 23 खेल अकादमियां स्थापित होंगी, जहां हर साल 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिलेगा। इसके साथ ही, हल्द्वानी में राज्य का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 250 से अधिक खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को कुल 16 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की। जिनमें ओलंपिक प्रतिभागियों मनदीप कौर, अमीषा रावत और मनोज सरकार को 50-50 लाख रुपये, स्वर्ण पदक विजेता शौर्य सैनी और अभिनव देशवाल को 30-30 लाख रुपये, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजनाह्व के तहत 3,900 खिलाड़ियों को 1,500-1,500 रुपये डीबीटी, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत 2,199 खिलाड़ियों को साढ़े 5 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की तैयारी शुरू कर दी है, इसलिए उत्तराखंड को भी अभी से तैयार रहना होगा।
उन्होंने दो अहम घोषणाएं जिनमें परेड ग्राउंड में एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण, पवेलियन फुटबॉल ग्राउंड में सिंथेटिक फुटबॉल टर्फ की स्थापना शामिल है। इसके साथ ही मानसी नेगी को खेल विभाग में और मोहम्मद अरशद को पुलिस विभाग में आउट आॅफ टर्न नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया गया।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के जरिए हर क्षेत्र में मानक स्थापित किए हैं। आने वाले समय में राज्य के हर घर से खिलाड़ी निकलेंगे, यही राज्य सरकार की सोच है।
समारोह में सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य स्तरीय खेल परिषद के उपाध्यक्ष हेमराज बिष्ट, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, निदेशक खेल आशीष चौहान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


