Wednesday, December 25, 2024
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उद्यान मे जांच को लेकर कोर्ट के निर्णय का स्वागत, भाजपा पारदर्शिता की पक्षधर: भट्ट

देहरादून 27 अक्तूबर,

भ्रष्टाचार के खिलाफ चले चाबुक से साफ है कि धामी सरकार पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है,

भाजपा ने उद्यान प्रकरण को लेकर स्पष्ट किया कि पार्टी न्यायालय के निर्णय का स्वागत करती हैं और किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। भाजपा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है ।

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच सरकार करवाए या न्यायालय, सभी जांच का स्वागत पार्टी करती है और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नही किया जाना चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष ने बागवानी प्रकरण पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा सरकारें भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करती है । उन्होंने कहा, पार्टी का मानना है कि राज्य में किसी भी तरह और छोटे से छोटे भ्रष्टाचार की गुंजाइश बर्दाश्त नही की जानी चाहिए। वर्तमान मे किसी भी मामले मे जरा सा भी संदेह होने पर जांच की जा रही है । इस मुद्दे पर उन्होंने हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि न्यायालय के निर्देश पर सरकार विधिक राय लेकर सरकार शीघ्र उचित निर्णय लेगी ।

उन्होंने कहा कि अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ चले चाबुक से साफ है कि धामी सरकार पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है। इसमे विभिन्न विभागों के भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ धामी सरकार ने कार्रवाई की है वहीं विजिलेंस द्वारा लगातर ट्रैप की कार्रवाई भी गतिमान है। हाल में वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते सीएम धामी के निर्देश पर सिडकुल में कई अधिकारियों को निलंबित किया गया था। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उद्यान निदेशक को भी वित्तीय अनिमित्ताओं के चलते निलंबित किया। आईएएस रामविलास यादव हो या नकल माफिया। सबके खिलाफ सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। अकेले नकल गिरोह में शामिल 80 से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे पहुँचाया गया।

भ्रष्टाचार के मामलों में धामी सरकार द्वारा की गई विभिन्न कार्यवाही मे

भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपी आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को जेल भेजा गया।

आय से अधिक संपत्ति व पद का दुरुपयोग करने पर आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर कार्रवाई,

उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा का निलंबन, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक अमित जैन पर एक्शन, परिवहन निगम में उपमहाप्रबंधक (वित्त) के पद पर तैनात भूपेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई, देहरादून के राजपुर रोड़ पर गलत तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जा करने पर रिटायर्ड लेखपाल कुशाल सिंह राणा और राजेन्द्र डबराल पर मुकदमा, रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी लेखपाल महिपाल सिंह पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा, विजिलेंस की पीसीएस निधि यादव के खिलाफ की जांच, रजिस्ट्रार कार्यालय (देहरादून) में अनियमितताओं पर सख़्त निर्णय लेते हुए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तराखण्ड के उप निबंधक राम दत्त मिश्र का निलंबन, राजकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर राज्य कर विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों वी.पी. सिंह, संयुक्त आयुक्त (वि.अनु. शा./प्रवर्तन) राज्य कर देहरादून, डॉ. कुलदीप सिंह, सहायक आयुक्त, प्रभारी सचलदल इकाई, राज्य कर आशारोडी, देहरादून एवं यशपाल सिंह, उपायुक्त (वि. अनु.शा./ प्रवर्तन) राज्य का निलंबन वहीं नक़ल माफियाओं पर कार्रवाई के क्रम में उत्तराखण्ड एसटीएफ ने अभी तक 57 आरोपियों को जेल के पीछे भेजा है और 24 मुख्य आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है।

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का इस मुद्दे पर कल कथित धरना प्रदर्शन एक नौटंकी है। कांग्रेस के नेता अनेक मामलों मे जांच का सामना कर रहे है। पहले मामले दबा दिये जाते थे और घोटालों को सरकार का सरंक्षण प्राप्त होता था, लेकिन अब सरकार ऐसे मामलों मे आगे बढ़कर जांच करा रही है। भाजपा पारदर्शी शासन की पक्षधर रही है।

निकाय चुनावों को लेकर देरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए  भट्ट ने कहा, कांग्रेस के शासन में तो राज्य में मात्र 60 निकाय थे, लेकिन उन्होंने हमेशा बिना किसी कारण के इनके चुनाव 6 महीने देरी से करवाए । जबकि आज निकायों की संख्या 103 हो गई है, बड़ी संख्या में नए क्षेत्र परिसीमन के तहत बड़े हैं । लिहाजा परिसीमन निर्धारण और मतदाता सूची के पुनरीक्षण में समय का लगना तय है और कुछ भी कहने से पहले जनवरी का इंतजार करना चाहिए ।

भट्ट ने पूर्व सीएम हरीश रावत को सम्मन दिए जाने को लेकर स्पष्ट किया कि सीबीआई संवैधानिक जांच एजेंसी है और सम्मन देना जांच प्रक्रिया का हिस्सा है । उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया कि एक तरफ हरदा सीबीआई का स्वागत करने और सहयोग की बात करते हैं, दूसरी तरफ उनके साथी सम्मन मिलने की टाइमिंग पर बेबुनियादी सवाल खड़ा करते हैं ।

 

 

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