सवांददाता रुद्रप्रयाग। जनपद के कई गांवों में घोड़ा-खच्चर गंभीर श्वसन रोग इक्वाइन इंफ्लूएंजा की चपेट में आ गए हैं, जिससे केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चरों के पंजीकरण शिविर अगले दस दिनों के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। साथ ही पूरे जिले में घोड़ा-खच्चरों के आवागमन पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। विभाग ने गांवों में चिकित्सकीय दल भेज दिए हैं।
बसुकेदार उप तहसील के बीरों, बष्टी, जलई और मद्महेश्वर घाटी के मनसूना में घोड़ा-खच्चर हॉर्स फ्लू (इक्वाइन इंफ्लूएंजा) से संक्रमित हो गए हैं। यहां जानवर तेज बुखार से पीड़ित हैं और उनके नाक से लगातार स्रोव हो रहा है। साथ ही खांसी के साथ ही उनके पूरे शरीर पर जगह-जगह दाने निकल हैं। जानवर पानी भी नहीं पी पा रहे हैं। प्रारंभिक सर्वेक्षण में अभी तक इन चारों गांवों में 16 घोड़ा-खच्चर में हॉर्स फ्लू के लक्षण पाए गए हैं।
इस संक्रमण के चलते केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य जांच, पंजीकरण और बीमा के लिए आयोजित शिविर अगले दस दिनों के लिए स्थगित कर दिए हैं। पूरे जनपद में घोड़ा-खच्चरों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगर, कोई पशुपालक नियम का उल्लंघन करते पकड़ा गया तो उसके विरूद्ध पशुओं में संक्रामक और संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम 2009 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि दो दिनों में यह संक्रमण के मामले सामने आए हैं। घोड़ा-खच्चरों में यह संक्रमण सांस से फैलता है, इसलिए पूरे जिले में घोड़ा-खच्चरों के आवगामन पर अगले दस दिनों तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।


