मसूरी /उत्तराखंड,
पेयजल निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग 707 की लापरवाही का खामियाजा लाइब्रेरी से जीरो पॉइंट तक के व्यापारियों और स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है लगातार धूल मिट्टी से दुकानों में रखा सामान खराब हो रहा है, वही इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है सुबह से शाम तक यहां के निवासी धूल और मिट्टी के कारण परेशान है ,कई होटल स्वामियों और दुकानदारों द्वारा पाइप लगाकर सड़क पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन विभाग की कान में जूं तक नहीं रेंग रही है ,वही होटल व्यवसायी और स्थानीय दुकानदारों में भय व्याप्त है ,कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी व्यवसाय पर भी इसका दुष्प्रभाव ना पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी और पेयजल निगम के अधिकारी यहां के लोगों की सुध नहीं ले रहे हैं मिट्टी और धूल के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
बताते चले की यमुना मसूरी पर जल पंपिंग योजना के तहत लाइब्रेरी से जीरो पॉइंट तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य दिसंबर माह में शुरू किया गया था और पाइपलाइन बिछाने के बाद उसे पर मिट्टी डाल दी गई थी और इसके डामरीकरण का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा किया जाना था लेकिन अब तक इस पर कार्य शुरू नहीं किया गया है जिसे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
वही विगत दिनों उपराष्ट्रपति के दौरे के बाद किंक्रेग से लाइब्रेरी तक रातों-रात 2 किलोमीटर सड़क की मरम्मत कर दी गई थी लेकिन अति व्यस्त और विप मार्ग होने के बावजूद भी लाइब्रेरी से जीरो प्वॉइंट तक सड़क खस्ता हाल है।
स्थानीय निवासी और भूतपूर्व सभासद नंदलाल सोनकर ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा सड़कों में पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है और लोगों को खुद अपनी दुकानों और घरों के आगे पानी छिड़कना पड़ रहा है ताकि धूल मिट्टी से किसी प्रकार बचाव हो सके उन्होंने विभाग की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए कहा कि पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है और यदि स्मारक का निर्माण नहीं किया गया तो इस वर्ष फिर यहां के व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग और पेयजल निगम की होगी।