राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषणा कें अनुसार राज्य मेँ लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बैठक आहूत की। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य आंदोलनकारी मंच का शिष्टमण्डल अगले सप्ताह पुलिस मुख्यालय में डीजीपी से मिलेगा और एक ज्ञापन सौंपेगा तथा ज्ञापन कें माध्यम से पुलिस मुख्यालय को कानून व्यवस्था बेहतर कदम उठाने के लिए एक माह का समय दिया जायेगा, अन्यथा मंच मुख्यमन्त्री आवास का घेराव किया जायेगा की चेतावनी दी गई है।
इस अवसर पर बैठक में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच की मातृशक्ति में वर्तमान में हो रही कानून व्यवस्था में चूक पर आक्रोश व्याप्त है। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाणा व सत्या पोखरियाल ने जोर देते हुए कहा कि हमने एक आदर्श राज्य की कल्पना को लेकर संघर्ष किया था लेकिन जिस प्रकार लगातार पर्यटक स्थलों पर हुड़दंगबाजी और वाहनों की भारी आवाज और तेज हार्न इस्तेमाल करना बढ़ती चोरी नकबजनी होना और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होना जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है जो दुःखद है।
इस अवसर पर मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी एवं केशव उनियाल ने कहा कि अभी हाल ही में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने एसएसपी को कानून व्यवस्था की चिन्ता को लेकर ज्ञापन दिया था लेकिन उसका कोई सुखद परिणाम नहीं निकला है। मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती एवं राधा तिवारी ने माननीय मुख्यमन्त्री से व मुख्य सचिव से अपील की है कि यक्तिगत रूप से कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक करें।
उन्होंने कहा कि और प्रत्येक जिले स्तर पर थानावार जिम्मेदारी तय हो। उन्होंने कहा कि शहर में बाजार में ई रिक्शा व ठेलियां भरी पड़ी है अतिक्रमण फुटपाथों से लेकर सड़कें घेरे हुए है साथ ही बाहरी छात्रों द्वारा ठीक से सत्यापन किया जाये और पर्यटक स्थलों पर सिविल पुलिस रहें और जमीन भवनों पर कब्जेदार परेशान करते है। उन्होंने कहा कि इससे जनमानस कें साथ पुलिस कें लिये सरदर्द बन जाता है। इस अवसर पर अनेक आंदोलनकारी उपस्थित थे।


