Monday, December 8, 2025
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शिक्षा केवल अंक अर्जन तक सीमित नहीं

बाजपुर: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने रिवरडेल इंटरनेशनल स्कूल की 25वीं वर्षगांठ कार्यक्रम में बच्चों को दी प्रेरक सीख, राज्यपाल ने कहा: शिक्षा केवल अंक अर्जन तक सीमित नहीं, जीवन में व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक मूल्यों का होना आवश्यक

रिवरडेल इंटरनेशनल स्कूल के रजत जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने स्कूल की 25 वर्ष की गौरवशाली यात्रा की सराहना की और इसे प्रेरक इतिहास करार दिया। राज्यपाल ने कहा कि यह यात्रा समर्पण, अनुशासन, उत्कृष्टता और दूरदर्शिता के उज्ज्वल अध्यायों से भरी हुई है। यह अवसर सभी को यह सोचने का मौका देता है कि हम जहां खड़े हैं उसका मूल्यांकन करें, अपनी उपलब्धियों पर गर्व करें और भविष्य के लिए नए संकल्प लें।
राज्यपाल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि नर्सरी के बच्चों की मासूम प्रस्तुति, एलकेजी की रैटल ड्रिल, यूकेजी का पोम शो, बटरफ्लाई डांस, हॉकी ड्रिल, फ्लावर ड्रिल और जिमनास्टिक स्कूल की आत्मा और संस्कृति की झलक हैं। उन्होंने बच्चों को कल के भारत का भविष्य बताया और कहा कि सही मार्गदर्शन ही उन्हें सशक्त नागरिक बना सकता है।
राज्यपाल ने जनपद उधम सिंह नगर के वीर व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि इस जनपद के बच्चे स्वाभाविक रूप से राष्ट्रप्रेम और कर्तव्यनिष्ठा में अग्रणी होंगे। रिवरडेल स्कूल का आदर्श वाक्य उत्कृष्टता की खोज केवल शब्द नहीं बल्कि विद्यार्थियों के आचरण में दिखाई देने वाला दर्शन होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यालय के संरक्षकों का विजन परंपरागत शिक्षा से आगे बढ़कर विश्वस्तरीय शिक्षा की ओर कदम बढ़ाना प्रेरक है। उन्होंने उत्तराखण्ड के प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला को भी याद किया, जिनके हाथों स्कूल की आधारशिला रखी गई थी।
सैन्य जीवन से प्राप्त अनुभव साझा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सफलता आकस्मिक नहीं होती, यह अनुशासन, समय प्रबंधन और सतत परिश्रम से प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल अंक अर्जन नहीं बल्कि व्यक्तित्व निर्माण, नैतिक मूल्य और समाज के प्रति उत्तरदायित्व होना चाहिए।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे नए विचार अपनाएँ, प्रयोग करें, सीखें और समाज की चुनौतियों का समाधान खोजें। उन्होंने कहा कि आप अमृतकाल की सशक्त पीढ़ी हैं, जो अपने ज्ञान, तकनीकी दक्षता और नैतिक मूल्यों के माध्यम से भारत के भविष्य का स्वरूप तय करेंगी।
राज्यपाल ने विशेष संदेश दिया कि सपने वही देखें जो पूरे भारत को आगे बढ़ाएँ। हर कदम पर सोचें-मैं ऐसा क्या कर सकता हूँ जिससे राज्य, समाज और राष्ट्र आगे बढ़े।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, उप जिलाधिकारी डॉ. अमृता शर्मा, प्रधानाचार्य परमीन कौर, अध्यक्ष हरमीन्दर सिंह बरार, सचिव जेपी सिधू, पूर्व दर्जा मंत्री राजेश कुमार, अभय प्रताप सिंह सहित अभिभावक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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