यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा लीक मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए 21 सितंबर 2025 को आयोजित परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि यह परीक्षा तीन माह के भीतर दोबारा कराई जाएगी। आयोग ने कहा कि परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखना प्राथमिकता है, जिससे अभ्यर्थियों और आम जनता का विश्वास बना रहे।
9 अप्रैल 2025 को अधिसूचित स्नातक स्तर की विभिन्न पदों के लिए 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा में सुबह लगभग 1:30 बजे सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र के कुछ स्क्रीनशॉट वायरल हो गए थे। मामले की सूचना मिलते ही आयोग ने तत्काल देहरादून एसएसपी को सूचित कर जांच की मांग की। प्राथमिक जांच के बाद 22 सितंबर को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
सरकार ने 27 सितंबर को इस प्रकरण की जांच के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश यूसी ध्यानी के नेतृत्व में न्यायिक जांच आयोग गठित किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में परीक्षा की गोपनीयता, शुचिता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए। जांच रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए अधीनस्थ चयन आयोग ने परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि पेपर लीक आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादुरपुर जट, हरिद्वार में हुआ था। इस परीक्षा केंद्र के तीन कमरों में जैंमर नहीं लगाया गया था। मुख्य आरोपी खालिद, जो उसी सेंटर पर परीक्षा दे रहा था, परीक्षा शुरू होने के लगभग आधे घंटे बाद इंजिलेटर से अनुमति लेकर बाहर वॉशरूम गया। वहां उसने पेपर के तीन पन्नों की तस्वीरें अपनी बहन साबिया को भेजीं।
साबिया ने यह पेपर प्रोफेसर सुमन को भेजा, जिन्होंने उत्तर प्राप्त कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया। हालांकि सुमन ने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी बल्कि उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी। पंवार ने इस खबर को वायरल कर पूरे प्रदेश में हंगामा मचा दिया।
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए प्रोफेसर सुमन से पूछताछ की और बाद में साबिया को गिरफ्तार किया। साबिया ने अपने भाई खालिद के बारे में बताया। खालिद पहले फरार था लेकिन बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
यह परीक्षा असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर, पटवारी, लेखपाल, ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी समेत ग्रेजुएट लेवल के कुल 416 पदों के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया।
अधीनस्थ चयन आयोग ने प्रेस नोट में कहा है कि परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने और अभ्यर्थियों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह निर्णय आवश्यक था। आयोग जल्द ही परीक्षा का पुनः आयोजन करेगा।
उत्तराखंड में परीक्षा सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर यह मामला एक बड़ा उदाहरण बन गया है, जहां लीक की घटना की वजह से परीक्षा निरस्त करनी पड़ी है। अब तीन महीने के भीतर दूसरी परीक्षा आयोजित कर अभ्यर्थियों के सपनों को संजोने का प्रयास किया जाएगा।


