Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeUttarakhandविश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव न कराने पर निदेशक उच्च शिक्षा व कुलसचिवों...

विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव न कराने पर निदेशक उच्च शिक्षा व कुलसचिवों को नोटिस,एक सप्ताह के भीतर तथ्यों सहित स्पष्टीकरण मांगा,

देहरादून,

राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तय समयसीमा के भीतर छात्रसंघ चुनाव न कराने पर शासन ने निदेशक उच्च शिक्षा तथा 04 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों का जवाब तलब करते हुए एक सप्ताह के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।

शासन की ओर से अनु सचिव दीपक कुमार ने निदेशक उच्च शिक्षा के साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, सोबनसिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय, चम्बा, टिहरी एवं दून विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलसचिवों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर समस्त तथ्यों सहित स्पष्टीकरण मांगा है। शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा एकरूपता लाने के लिए 23 अप्रैल 2024 को शैक्षणिक कलेण्डर जारी कर दिया गया था जिसके तहत सभी राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रसंघ चुनाव 30 सितम्बर 2024 तक करा लिये जाने थे। इसके साथ ही एक परिवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम व एक दीक्षान्त के लिए भी शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये थे।

विश्वविद्यालय प्रशासन तथा उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा न तो 30 सितम्बर से पहले छात्रसंघ चुनाव करवाये गये न ही शासन से समय रहते दिशा-निर्देश प्राप्त किये गये। छात्रसंघ चुनाव न कराये जाने को लेकर कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र-छात्रों द्वारा चुनाव कराये जाने को लेकर आंदोलन किये जा रहे हैं जिस कारण उनकी पढ़ाई में भी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है जबकि लिंगदोह समिति की सिफारिशों में भी छात्रसंघ चुनाव नियत समय पर कराये जाने के स्पष्ट निर्देश हैं।

शासन ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए निदेशक उच्च शिक्षा तथा चारों राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों से चुनाव न कराये जाने के संबंध में एक सप्ताह के भीतर तथ्यों सहित लिखित स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने को कहा है अन्यथा की स्थिति में नियमसंगत कार्यवाही की भी चेतावनी दी गई है।

*राज्य सरकार की ओर से राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव समय पर कराये जाने को लेकर पूर्व में ही आदेश जारी किये जा चुके हैं जिसका पालन कराने का दायित्व शासन का है तथा पालन करने का कार्य उच्च शिक्षा निदेशालय एवं विश्वविद्यालय प्रशासन का है। दोनों का स्पष्टीकरण आने के पश्चात ही अगला कदम उठाया जाएगा।

 

RELATED ARTICLES

Most Popular