देहरादून ,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आईएसबीटी, देहरादून के निकट एक होटल में आयोजित ‘स्टेट ऑफ द स्टेट – उत्तराखण्ड फर्स्ट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में कार्य कर रही है। महिला सशक्तिकरण, रोजगार, वैलनेस, आयुर्वेद, आयुष, पर्यटन, इन्फ्रास्टक्चर के विकास, औद्यानिकी के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। समिति ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 01 साल 03 माह में 02 लाख 35 हजार से अधिक लोगों के इसके लिए सुझाव लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में हर स्थान एक नया डेस्टिनेशन है। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में प्रबल संभावनाओं को देखते हुए अगले 25 सालों के प्लान पर कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। राज्य के पर्वतीय नगरों की धारण क्षमता का आकलन किया जा रहा है। गढ़वाल एवं कुमाँऊ मण्डल में एक-एक नये शहर बसाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार इकोनॉमी और ईकोलॉजी में समन्वय के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। अभी मानसून सक्रिय है, अभी तक इस वर्ष अतिवृष्टि से राज्य में 01 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में अभी तक राज्य को केन्द्र से डेढ़ लाख करोड़ से अधिक की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। राज्य में पिछले साल जीएसटी में 25 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्ति हुई। इस वर्ष भी अभी तक जीएसटी से राजस्व प्राप्ति की स्थिति अच्छी है। राज्य में सख्ती से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। इसका उद्देश्य सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। वन विभाग की भूमि से 2700 एकड़ की भूमि अतिक्रमण से मुक्त की गई। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया है। नकल का अपराध काफी समय से चल रहा था। जन शिकायतों पर जब इसमें जाँच कराई गई तो इसमें सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गई। 80 से अधिक दोषियों को जेल भेजा गया। राज्य में नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद अभी तक जो भी परीक्षाएं हुई हैं, सभी शांतिपूर्ण एवं निर्विघ्न सम्पन्न हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद राज्य में तेजी से रिवर्स माइग्रेशन हुआ है। लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि हमारे नौजवान सिर्फ रोजगार पाने वाले न बनें, बल्कि रोजगार देने वाले भी बनें।