पिथौरागढ़,
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन, नृत्य,त्योहार, व मिठाइयों के नाम का सिलसिलेवार उल्लेख कर पहाड़ से पुराने नाते की याद ताजा कर जनसमूह को तालियां बजवाने पर मजबूर कर दिया। पीएम मोदी ने एक ही सांस में पहाड़ी पांडव नृत्य, कौथिग, छोलिया, हरेला, फूलदेई, रम्माण, बग्वाल, रोट, अरसे, कफली, सिंगोरी, पकोड़े, झंगोरे की खीर, रायता, बाल मिठाई, सिंगोरी का उल्लेख कर उत्तराखण्ड की मजबूत सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख ही नहीं किया वरन यह भी कहा कि इन पहाड़ी मिठाइयों का स्वाद भला कौन भूल सकता है।
गुरुवार को कुमाऊं दौरे की शुरुआत आदि कैलाश, पार्वती कुंड,सीमान्त गुंजी गांव, सैनिकों व स्थानीय जनता से मेल मिलाप के साथ की। गुंजी में स्थानीय जनता से उनका हाल जानने के बाद सैनिकों का भी खूब हौसला बढ़ाया। चंपावत के अद्वैत आश्रम से अपने जुड़ाव को याद किया। दोपहर को पिथौरागढ़ में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस के अभी तक किये गए प्रयासों पर प्रहार करते हुए सीमांत इलाके के लिए भाजपा सरकार की कोशिशों का खाका खींचा।
पीएम ने अपने 40 मिनट के सम्बोधन में जी 20, विदेशों में भारत का मान, संसद व विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, व्त्व्च्, चारधाम परियोजना, उड़ान सेवा, चंद्रयान व एशियाड में भारत के उल्लेखनीय प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए उत्तराखण्ड के बैडमिंटन खिलाडी लक्ष्य सेन व वंदना कटियार की सफलता को भी रेखांकित किया।पीएम मोदी ने लक्ष्य सेन के परिवार की भेंट अल्मोड़ा की बाल मिठाई व सिंगोरी की भी याद दिलाई।