केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल कैंप मुख्यालय हल्द्वानी में आयोजित पूर्व अर्धसैनिक बल सम्मेलन प्रदेश के पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के सम्मान का सशक्त मंच बना। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अर्धसैनिक बलों के जवान देश की वीरता, साहस और राष्ट्रभक्ति के चिरस्थायी प्रतीक हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक देश की सुरक्षा में उनका योगदान अद्वितीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक कभी भूतपूर्व नहीं होता बल्कि जीवनपर्यंत सैनिक ही रहता है। उन्होंने कहा आप सभी भूतपूर्व नहीं, अभूतपूर्व हैं। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि वे स्वयं सैनिक परिवार से आते हैं और सैनिक परिवारों की भावनाओं और चुनौतियों को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है कि किसी भी शहीद परिवार को कठिनाई न झेलनी पड़े।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अर्धसैनिक बलों और शहीद परिवारों के सम्मान में अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र एवं अशोक चक्र से अलंकृत वीरों की पुरस्कार राशि एवं वार्षिक अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि शहीदों की स्मृति को संरक्षित करने के लिए राज्य में स्मारक एवं शहीद द्वारों के निर्माण को गति दी गई है। इस वर्ष 10 नए स्मारकों को स्वीकृति प्रदान की गई है, साथ ही शहीद परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था भी लागू है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के आधुनिकीकरण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर है और कई देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने स्वदेशी हथियारों की क्षमता को वैश्विक स्तर पर सिद्ध किया है।
प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अवैध बसावट और लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान तेज़ी से चल रहा है। 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराने के साथ 550 से अधिक अवैध संरचनाएं ध्वस्त की गई हैं। समान नागरिक संहिता, सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा-रोधी कानून और भू-कानून लागू कर राज्य में सामाजिक समरसता और सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीरभूमि भी है और इसकी संस्कृति तथा परंपराओं की रक्षा हम सभी का उत्तरदायित्व है। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी पूर्व सैनिकों के कल्याण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
इस अवसर पर मेयर गजराज सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, विधायक राम सिंह कैड़ा, दायित्वधारी डॉ. अनिल डब्बू, शंकर कोरंगा, रेनू अधिकारी, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, सीआरपीएफ डीआईजी शंकर दत्त पांडे, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित अनेक गणमान्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और नागरिक मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने की अर्धसैनिक बलों के लिए घोषणाएं
प्रेजिडेंट पुलिस मेडल-गैलेंट्री प्राप्त अर्धसैनिक को 5 लाख रुपये की अनुदान राशि।
जिन पूर्व अर्धसैनिकों एवं वीर नारियों के पास अपनी अचल संपत्ति नहीं है, उन्हें सम्पत्ति क्रय पर 25 प्रतिशत तक स्टाम्प शुल्क में छूट।
उत्तराखंड राज्य अर्धसैनिक बल कल्याण परिषद को सक्रिय करते हुए पुलिस मुख्यालय में कार्यालय आवंटित किया जाएगा।
सैनिक कल्याण निदेशालय में उपनिदेशक (अर्धसैनिक) और बड़े जिलों में सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (अर्धसैनिक) के पद स्वीकृत किए जाएंगे।
अर्धसैनिक बलों के बच्चों के विवाह हेतु सैनिकों के समान आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सीजीएचएस भवन के निर्माण हेतु तत्काल भूमि चयन के निर्देश।


