देहरादून,
गैरसैंण में आहूत विधानसभा सत्र के दौरान खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने का काम किया है यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। दसौनी ने उमेश कुमार के बयान को अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना और हल्का करार किया है। दसौनी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और विधानसभा का पटल कोई अखाड़ा नहीं की कोई भी आकर अपने पुराने लड़ाई झगड़ों का सेटलमेंट विधानसभा के पटल पर इस तरह के भ्रामक आरोप लगाकर अपने पद का दुरुपयोग करेंगा ।दसौनी ने कहा कि उमेश कुमार का आरोप कई सवाल खड़े करता है, उदाहरण के तौर पर की सरकार पुष्कर सिंह धामी की गिरने का षड्यंत्र हो रहा है लेकिन दर्द उमेश कुमार को क्यों उठ रहा है? वही क्या सरकारी खुफिया तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है जो एक निर्दलीय विधायक को सरकार गिरने की सूचना सरकार से पहले पता चल जा रही है ,वहीं तीसरा और सबसे अहम सवाल यह की क्या भाजपा के विधायक सेल पर उपलब्ध है जो कोई भी धन पशु आएगा और विधायकों को खरीद कर सरकार गिराने का काम करेगा ।
वहीं दसौनी ने यह भी कहा कि विधानसभा के पटल पर माननीय सदस्यों के द्वारा उठाए जाने वाला हर मुद्दा उनके द्वारा कहा गया एक-एक शब्द विधानसभा की प्रोसीडिंग्स में दर्ज हो जाता है ऐसे में जब इतना बड़ा आरोप उमेश कुमार ने लगाया ही था जो कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न कर सकता था तो फिर विधानसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है कि वह आरोप लगाने वाले सदस्य से तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर उसको साबित करने की लिए भी आदेशित करें। गरिमा ने कहा कि सदन में जो कुछ घटित हुआ वह पूरा प्रकरण बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है।