Tuesday, December 24, 2024
spot_img
HomeDehradunसाईकिल रैली और चंद्रायनी माता की पूजा अर्चना से खलंगा मेले की...

साईकिल रैली और चंद्रायनी माता की पूजा अर्चना से खलंगा मेले की शुरूआत

देहरादून,

बलभद्र खलंगा विकास के तत्वावधान में 50 वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला -2024 के प्रथम दिन का शुभारंभ साईकिल रैली व चंद्रायनी माता की पूजा अर्चना के साथ किया गया। वहीं शाम के समय रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
इस अवसर पर सर्वप्रथम बलभद्र खलंगा विकास समिति के अध्यक्ष सेनि कर्नल विक्रम सिंह थापा, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, समिति उपाध्यक्ष  बीनू गुरूंग, सचिव प्रभा शाह आदि ने खलंगा युद्ध स्मारक सहस्त्रधारा रोड में पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए वीरों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान इसके तत्पश्चात स्वास्थ्य जागरूकता , पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं स्वच्छता के संदेश हेतु प्रातः सात बजे खलंगा बहादुरी साईकिल रैली प्रारंभ हुई और यह साईकिल रैली खलंगा युद्ध स्मारक सहस्त्र धारा रोड से प्रारंभ होकर खलंगा युद्ध कीर्ति स्तंभ नालापानी में समाप्त हुई और इस दौरान समिति अध्यक्ष सेनि कर्नल विक्रम सिंह थापा ने हरी झण्डी दिखाकर रैली का शुभारंभ किया द्यइस साईकिल रैली का नेतृत्व पहाड़ी पैडलर्स एवं दून बाइक राइडर्स टीम के कर्नल अनिल गुरूंग ने किया।
इस अवसर पर समिति की सचिव प्रभा शाह ने बताया कि नालापानी पर्वतीय श्रृंखला के सबसे ऊंचे शिखर जिस पर कभी सेनानायक वीर बलभद्र थापा एवं उनके वीर सैनिकों का सुदृढ़ खलंगा किला आज भी गर्व से मस्तक उठाए खड़ा है और सन 1814 में गोर्खाली तथा उत्तर भारत के गढ़वाली एवं कुमाऊंनी और स्थानीय लोग लगभग छह सौ वीर, वीरांगनाओं , योद्धाओं ने सेनापति बलभद्र थापा के नेतृत्व में अदम्य साहस का परिचय देते हुए तीन बार अंग्रेजों के आक्रमण को पूरी तरह विफल कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस युद्ध में सेनानायक बलभद्र थापा के केवल छह सौ सैनिकों जिनमें वीर वीरांगनाओं एवं बच्चों ने भी अपने प्राचीन हथियारों भरवा बंदूक , धनुष बाण ,घुयेत्रो, भाला, बरछी और खुखरी से लगभग साढे तीन हजार से भी अधिक आधुनिक हथियारों एवं गोला बारूद से लैस थी, कई बार परास्त कर लोहे के चने चबवा दिए थे । उन्होंने कहा कि वीर सेनानायक बलभद्र थापा एवं उनके वीर सैनिक इस चंद्रयानी मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना किया करते थे।
उन्होंने बताया कि यह मंदिर खुले प्रांगण में है। उन्होंने बताया कि यह भी मानना है कि इस मंदिर पर किसी भी छत जैसा निर्माण किए जाने पर भी छत नहीं रहती हैं। समिति द्वारा इस मंदिर की चारदीवारी निर्माण हेतु वन विभाग से संपर्क एवं लिखित निवेदन किया गया है।
उन्होंने बताया कि आज प्रातः साढे दस बजे से चंद्रयानी मंदिर नालापानी में अध्यक्ष एवं समिति सदस्यों ने मंदिर के पंडित कृष्णा पंथी के साथ पूजा और यज्ञ किया तथा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। उन्होंने बताया कि आज सायं छह बजे से खलंगा युद्ध स्मारक सहस्त्रधारा रोड में बलभद्र खलंगा समिति एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में रंगारंग सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया।
उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आगामी एक दिसम्बर 2024 को प्रातः 11 बजे से ऐतिहासिक भव्य 50वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला-2024,सागरताल नालापानी में प्रारंभ होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में सेनि कर्नल सी बी थापा, सेनि कर्नल एम बी राना, राम सिंह थापा, सेनि कैप्टन वाई बी थापा, संजय थापा , एडवोकेट एल बी गुरूंग, पूर्व अध्यक्ष राम सिंह थापा , दीपक बोहरा, सेनि कर्नल डी एस खड़का, शमशेर थापा, सुनीता गुरूंग, नीरा थापा , ऊषा उनियाल , रणवीर थापा, अशोक वल्लभ शर्मा, राकेश उपाध्याय, अनिल थापा, राजू गुरूंग , शुभवंती उपाध्याय, इंद्रेश उपाध्याय, रायपुर कीर्तन मंडली एवं अन्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular