Sunday, December 22, 2024
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मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत मंत्री और पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी को सदन ने दी श्रद्धांजलि, अपने नाम को सार्थक करते थे चंदन राम दास: धामी

देहरादून, 5 सितम्बर

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पूर्व मंत्री चंदन राम दास और अविभाजित उत्तर प्रदेश में विधायक रहे कुंवर सिंह नेगी को सदन ने श्रद्धांजलि दी। पूर्व मंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए नेता सदन के तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चंदन राम दास अपने नाम को सार्थक करते थे। वह चंदन की तरह अपने विकास कार्यों की खुशबू बिखेरते रहते थे। राम की तरह अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में आदर्श के प्रतिमूर्ति थे और दास की तरह जनता की सेवा करते थे। दोनों पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मंगलवार को ग्यारह बजे वंदे मातरम् के साथ सदन की कार्यवाही की शुरुआत हुई। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कार्य मंत्रणा समिति की सिफारिश के तहत पांच, छह व आठ सितम्बर की सदन की कार्यवाही का एजेंडा पढ़ा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। एजेंडे के अनुसार कार्यवाही के पहले दिन सभी विधायी व अन्य कार्य स्थगित रखे गये तथा पूर्व विधायक चंदन राम दास (बागेश्वर ) और कुंवर सिंह नेगी (चमोली) को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि की शुरुआत मुख्यमंत्री धामी ने की। कहा कि चंदन राम दास बागेश्वर क्षेत्र से चार बार विधायक बने। यह उनकी लोकप्रियता को दिखाता है। वर्ष 2022 का चुनाव जीतने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया। 26 अप्रैल 2023 को उनका निधन हो गया। लगभग एक साल के कार्यकाल में एक मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश पर अमिट छाप छोड़ी। यही कारण है कि जब उनका निधन हुआ तो उनके अंतिम संस्कार में राजनीतिक दलों की सीमा और सियासी प्रतिबद्धता को तोड़ते हुए हजारों लोग शामिल हुए। सीएम ने कहा कि बागेश्वर में घर-घर पानी, बिजली और गांव-गांव सड़कें पहुंचाने में चंदन राम दास का बड़ा योगदान रहा। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि चंदन राम दास ने अपने सियासी करियर की शुरुआत कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में की। छात्र जीवन में भी राजनीति में सक्रिय रहे और बागेश्वर नगर पालिका का चेयरमैन भी बने। एक विधायक के तौर पर और एक मंत्री के तौर पर उन्होंने अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य कराये।

इन विधायकों मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि,
विधायक मदन कौशिक, बसपा विधायक शहजाद, संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, धन सिंह रावत, खजान दास, विनोद चमोली, बिशन सिंह चुफाल, दुर्गेश्वर लाल, आदेश चौहान, दीलीप रावत, प्रदीप बत्रा, शक्ति लाल शाह, भरत सिंह चौधरी, अनिल नौटियाल आदि ने भी पूर्व मंत्री चंदन राम दास और कुंवर सिंह नेगी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वक्ताओं ने विधायक और मंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किये। यह भी कहा कि चंदन राम दास के निधन से खाली हुई बागेश्वर सीट पर आज के ही दिन मतदान हो रहा है। यह भी एक तरह से उन्हें श्रद्धांजलि ही है।
सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन,
-विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सभा मंडप के बाहर दिया धरना,

विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन बेहद शांतिपूर्ण रहा। दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देने की वजह से सदन में विधायी कार्य नहीं हुए और विपक्ष ने भी किसी प्रकार का कार्य स्थगन नोटिस पीठ को नहीं दिया। हालांकि सदन के बाहर सभा मंडप के प्रवेश द्वार पर कांग्रेस विधायकों ने काफी देर तक प्रदर्शन किया और सदन की कार्यवाही की लगातार छोटी हो रही समयावधि पर रोष जताया।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के विधायक नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में सभा मंडप के बाहर धरने पर बैठ गये। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सौ सदस्यों से कम संख्या वाली विधानसभा की कार्यवाही एक साल में कम से कम साठ दिन चलनी चाहिए। इस लिहाज से उत्तराखंड में भी इतने दिनों तक सदन की कार्यवाही होना आवश्यक है। लेकिन हालत यह है कि यहां एक साल में 10 दिन भी सदन की कार्यवाही पूरी नहीं होती। सदन की अवधि छोटी होने का दुष्परिणाम यह होता है कि यहां जनहित के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाती है। चूंकि सरकार को विकास कार्यों से परहेज है इस कारण वह सदन की कार्यवाही की अवधि को जानबूझ कर छोटा रखता है। ताकि वह विपक्ष के सवालों का जवाब देने से बच सके। प्रदर्शन के दौरान जोशीमठ आपदा में सरकार द्वारा राहत अभियान नहीं चलाने और बाजपुर में स्थानीय लोगों को जमीन के मालिकाना हक से वंचित करने का भी आरोप लगाया। हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया और सभा मंडल में चले गये। लोहाघाट विधायक खुशहाल सिंह अधिकारी, रवि बहादुर, ममता राकेश, मदन बिष्ट, सुमित ह्रदयेश, हरीश धामी, मनोज तिवारी, फुरकान अहमद, आदेश सिंह चौहान आदि विधायक धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।

आज पेश होगा अनुपूरक बजट,
बुधवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन लगभग ग्यारह हजार करोड़ का बजट पेश होगा। दरअसल, सदन की कार्यवाही को लेकर सोमवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में पहले दो दिनों पांच व छह सितम्बर के लिए ही बिजनेस तय किया गया था। पहले दिन दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि और अनुपूरक बजट पेश करना निर्धारित था। दूसरे दिन अध्यादेश व विधेयक पेश होने थे और अन्य विधायी कार्य निपटाये जाने थे। बाद में कार्य मंत्रणा समिति ने तीनों दिनों यानी पांच, छह व आठ सितम्बर की कार्यवाही का एजेंडा तय किया। संशोधित एजेंडे में अनुपूरक बजट पेश करने के लिए बुधवार छह सितम्बर का समय निर्धारित किया गया। इस तरह अब अनुपूरक बजट बुधवार को यानी आज सायं चार बजे पेश किया जाएगा। इससे पहले अन्य विधायी व औपचारिक कार्य होंगे। उधर, कांग्रेस ने कार्यवाही के दूसरे दिन पहाड़ों पर अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय निवासियों के उत्पीड़न और आपदा राहत में कोताही के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव ला सकती है। यानी पहले दिन की कार्यवाही जरूर शांति पूर्वक निपट गया लेकिन दूसरे दिन की कार्यवाही में विपक्ष अपना आक्रामक तेवर जरूर दखाएगा।

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