शांत नजर आने वाले रानीपोखरी क्षेत्र को 14 अक्टूबर की रात एक ऐसे खौफनाक अपराध ने हिला कर रख दिया, जिसकी गूंज पूरे इलाके में सुनाई दी। एक युवक के लापता होने की सूचना पर परिजनों की चिंता उस समय मातम में बदल गई, जब अगली सुबह उसका शव एक पुराने पानी के सीवर टैंक से बरामद हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जब जांच का दायरा बढ़ाया, तो एक ऐसी ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री सामने आई, जिसमें दोस्त ही दोस्त का कातिल निकला।
थाना रानीपोखरी में 14 अक्टूबर को रमेश चन्द्र निवासी रानीपोखरी ने अपने पुत्र शुभम पाल उर्फ चुन्नी के लापता होने की तहरीर दी थी। 15 अक्टूबर को शुभम का शव शांतिनगर क्षेत्र में एक पुराने सीवर टैंक से मिला। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हुआ। पुलिस ने आईपीएस की धारा 103 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस ने जब आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और तकनीकी साक्ष्य जुटाए, तो शक की सुई एक परिचित चेहरे की ओर घूमी। 17 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरोपी ऋषभ धीमान उर्फ बाबू (उम्र 19 वर्ष) निवासी गली नं. 1 शांतिनगर को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। ऋषभ और मृतक शुभम एक ही स्थान पर कार्यरत थे। पूछताछ में ऋषभ ने बताया कि शुभम उसे अक्सर लोगों के सामने अपमानित करता था, जिससे वह अंदर ही अंदर आहत और आक्रोशित था। इसी अपमान का बदला लेने के लिए उसने शुभम को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।
14 अक्टूबर की शाम ऋषभ ने शुभम को बहाने से अपने साथ बाइक पर बैठाकर शांतिनगर ले गया। वहां पर पहले से तय योजना के तहत शराब पी। मौके पर उसने अपने दो अन्य दोस्तों अशोक और प्रवीण को भी बुलाया, जिससे माहौल सामान्य दिखे। शराब पीने के बाद जब दोनों दोस्त चले गए और शुभम नशे में चूर हो गया, तो ऋषभ ने उसे पुराने सीवर टैंक के पास ले जाकर धक्का दे दिया। शुभम टैंक के सरिए में अटक गया, लेकिन ऋषभ ने उसकी टांगें पकड़कर जबरन नीचे धकेल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
हत्या के बाद ऋषभ मौके से फरार हो गया और उसने किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन पुलिस की सतर्कता और जांच के चलते आखिरकार वो कानून के शिकंजे में आ गया। पुलिस ने वारदात के समय आरोपी द्वारा पहने गए कपड़े और जूते भी बरामद किए हैं।
इस हत्या कांड ने एक बार फिर साबित कर दिया कि व्यक्तिगत रंजिश और भावनात्मक कुंठाएं जब मानसिक संतुलन पर हावी हो जाती हैं, तो कैसे एक नौजवान दोस्त ही हैवान बन जाता है। पुलिस की तत्परता और तकनीकी साक्ष्यों के जरिए इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का खुलासा सराहनीय रहा।


