देहरादून, 11 मई।
भाजपा ने कहा कि राज्य मे सरकार द्वारा चार धाम यात्रा की पुख्ता तैयारियां की गयी है और यात्रा सुचारु और उत्साह के माहौल मे चल रही है। कांग्रेस निराधार तथ्य गढ़कर प्रदेश की छवि खराब कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने पूर्व सीएम हरीश रावत तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के वक्तव्यों की निंदा करते हुए कहा कि वह निराधार आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस बार श्रद्धालुओं की आस्था का उमड़ता सैलाब और स्थानीय लोगों का उत्साह बताता है कि हम तीर्थाटन के क्षेत्र में बड़ी लकीर खींचने जा रहे हैं । चार धाम यात्रियों के स्वागत सत्कार में देवभूमिवासी और सरकार जिस तरह पूर्ण मनोयोग से जुटे है वह सुखद अनुभव है । यह दुखद है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष जिस तरह रोजाना कमियां निकालने में व्यस्त रहता है, वह कहीं न कहीं उनके अनहोनी की कामना करने जैसा है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से उभरकर राज्य मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में साल दर साल सफल और सुरक्षित यात्रा की नई नई ऊंचाइयों को छू रहा है । विगत वर्ष भी रिकार्ड 56 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने से स्थानीय व्यवसाय और रोजगार के क्षेत्र में भी बहुत सुधार आया था । यही वजह है कि इस वर्ष भी सरकार ने जनता के सहयोग से यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की हैं । चारों धामों में पर्याप्त आवास व्यवस्था, यात्रियों के वाटर एटीएम एवं अन्य माध्यमों से पेयजल की आपूर्ति, सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की तैयारियों, भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधा, ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन पंजीकरण से यात्रा प्रबंधन को व्यवस्थित एवं सुरक्षित बनाने तथा स्वयं सीएम धामी, मुख्य सेवक के रूप में सामने रहकर सभी यात्रा व्यवस्था को लीड करना हो हर स्थिति मे सरकार ने सुचारु व्यवस्था की है।
भट्ट ने कहा कि यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रदेशवासियों और हमारी कोशिशों से प्रसन्न होकर ईश्वर ने भी बारिश से धधकते जंगलों की तपिश को शांत किया हैं। तीर्थयात्रियों का सैलाब, सरकार की तैयारियों और स्थानीय जनता के उत्साह को देखकर विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि यह सीजन राज्य की आर्थिकी को नई ऊंचाइयों पर जाने वाला है।
उन्होंने कटाक्ष किया कि यात्रा को लेकर सिवाय प्रदेश कांग्रेस नेताओं के सभी उत्सुक हैं, जिन्हे 4 जून को आने वाले नतीजों के गम में चारों तरफ कमियां और नाउम्मीदगी ही दिखाई दे रही है। विगत वर्षों की तरह इस बार भी उनकी कोशिश है व्यवस्था और देवभूमिवासियों की क्षमता को लेकर दुष्प्रचार कर राज्य के छवि खराब की जाए, ताकि यात्रा प्रभावित हो और स्थानीय लोगों की आर्थिकी प्रभावित हो । यही वजह है कि उनके बयानों में सफल एवं सुरक्षित यात्रा होने की कामना के बजाय किसी अनहोनी होने की उम्मीद अधिक महसूस होती है ।