Monday, December 8, 2025
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चारधाम यात्रा में फिर बन गया रिकॉर्ड अब सरकार का फोकस शीतकालीन यात्रा पर : महाराज

पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, पंचायतीराज, लोक निर्माण, सिंचाई, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं ने रिकॉर्ड तोड़ा है। महाराज ने यात्रा व्यवस्था में लगे सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों, तीर्थ-पुरोहितों, होटल व्यवसायियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रांसपोर्टरों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।
महाराज ने बताया कि इस वर्ष चारधामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 51 लाख तक पहुंच गई, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि अब सरकार का फोकस शीतकालीन यात्रा पर है। चारधामों की पूजा-अर्चना अब उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों पर होगी, जहां श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा महत्वपूर्ण रही है। 06 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री ने मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा से श्रद्धालुओं को शीतकालीन यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद शीतकालीन यात्रा को नई पहचान मिली है। रजत जयंती वर्ष में इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के उत्तराखंड आने की उम्मीद है।
महाराज ने बताया कि 24 अक्टूबर 2025 से शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्व में ही पूरी कर ली गई हैं। पर्यटन विभाग विभिन्न जिलों में नई व्यवस्थाएं विकसित कर रहा है। शीतकालीन यात्रा का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और सालभर रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
मंगलवार के दिन को दो अहम अवसरों का प्रतीक बताते हुए महाराज ने कहा कि एक ओर चारधाम यात्रा का सफल समापन हुआ, दूसरी ओर अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज आरोहण का ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। उन्होंने राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले सभी संतों, महापुरुषों, कारसेवकों और श्रद्धालुओं को नमन किया तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शुभकामनाएं दीं।
महाराज ने कहा कि राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज का लहराना 500 वर्षों के इंतजार का अंत और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। भगवा ध्वज सूर्यवंश का निशान है, जो भगवान राम के तेज, शौर्य और सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है। यह सनातन धर्म और संस्कृति की पुनर्स्थापना का द्योतक है।

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