देहरादून:(एसपी अरोड़ा),
उत्तराखंड के एक ईमानदार आईएएस महिला ने घर बनाने के लिए जमीन खरीदी है और जमीन की कीमत के रूप में 16 करोड़ का भुगतान किया गया है, जबकि इस जमीन की रजिस्ट्री में सरकारी दर पर भुगतान होना दर्शाया गया है। ये ईमानदार आइएएस अफसर जिलाधिकारी के पद को सुशोभित कर चुकी है।
उत्तराखंड में ईमानदार अफसरों की सूची वैसे तो बहुत लंबी है, लेकिन कुछ ईमानदार अफसरोें की ईमानदारी का डंका पूरे प्रदेश में बजता है। इन इमानदारों अफसरों के बीच में एक महिला अफसर आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। महिला अफसर को प्रदेश की राजधानी में रहने के लिए घर बनाना था और घर बनाने के लिए जमीन जरूरी होती है। इस ईमानदार महिला अफसर ने अपने सिपलहारों को घर के लिए जमींन का फरमान सुनाया और कहा कि उनकी घर बनाने की इच्छा मसूरी रोड़ पर है। जिससे मसूरी के सुंदर वादियों को नजारा भी देखने के साथ हरा-भरा वातावरण हो और स्वच्छ हवा भी मिलें। अफसर के सिपलहार जमीन खोजने में लग गए और आखिरकार सिपलहारों को एक रिटायर्ड कर्नल ने अपनी जमींन बेचने की रजामंदी दे दी। सूत्र बतातें है कि रिटायर्ड कर्नल में इस जमींन की कीमत 17 करोड़ मांगी थी, लेकिन सिपलहारों ने मोल-भाव करके 16 करोड़ में सौदा करा दिया। प्रदेश की ईमानदार महिला अफसर ने सिपलहारों के माध्यम से रजिस्ट्री की दर का भुगतान रोककर अन्य भुगतान लगभग नगद मेें करा दिया और उसके बाद जब जमीन की रजिस्ट्री हुई तो सरकारी दर का भुगतान चैक के माध्यम से करा दिया गया।
महिला अफसर ने जमीन की रजिस्ट्री संबंधी कार्रवाई पूरी होने के बाद घर बनवानें का कार्य शुरु करा दिया है और अब इस जमींन घर बनाने वाले मजदूर काम कर रहे है। महिला अफसर दिन में घर बनता देखने तो जाती नही, लेकिन शाम होने के बाद जरूर अपनी प्राइवेट गाड़ी से चल रहे निर्माण कार्यो को देखने अक्सर आ जाती है। ईमानदार महिला अफसर का घर आलीशान तरीकें से बनाया जा रहा है। उसका प्रत्येक कार्य आरके टैक्ट की देखरेख में संपंन हो रहा है। इस निर्माण में वास्तुशास्त्र का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ईमानदार अफसर का मसूरी रोड़ पर घर का निर्माण खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा नही है कि यह किसी पहले ईमानदार अफसर के द्वारा करोड़ों की जमींन खरीदकर घर बनाया जा रहा है। इनसे पहले भी कई ईमानदार अफसर 2 करोड़ से लेकर 5 करोड़ तक की कीमत की जमींन खरीदकर अपना घर बना चुके है। सूत्रों का कहना है कि यह प्रदेश की पहली महिला ईमानदार अधिकारी है जिनके द्वारा 16 करोड़ की घर बनाने के लिए जमींन खरीदी गई है।
बताया जाता है कि इस अफसर के पास वैसे एक दो और प्लाट भी है, लेकिन उन प्लाट पर घर बनाने के लिए अफसर का दिल नही माना है। उनकों तो स्वच्छ पर्यावरण के साथ मसूरी की वादियों का भी आंनद उठाना है, इसलिए इस जमींन पर घर बनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के कई अधिकारियों ने अपने घर राजधानी में जरूर बनाएं है और उनकी कीमत भी करोड़ों में है, लेकिन किसी ने भी स्वच्छ पर्यावरण और पहाड़ों के मूर्क दश्योँ को सुबह शाम घर से अपनी आंखों में कैद करने का सपना नहीं देखा है। प्रदेश के कई ईमानदार अफसर भी इस तरह का घर बनता देख रहे है और उनके द्वारा भी अपने सिपलहारों को जमींन खरीदनें के लिए फरमान सुनाया गया है। अब देखना होगा कि मसूरी रोड़ की सुंदर पहाड़ियों की वादियों में कितने ईमानदार अफसर जमींन खरीद कर अपना सपनों के घर का निर्माण करते हैं।