देहरादून,
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश की धामी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार राज्य में छात्र संघ, सहकारिता, निकाय और अब पंचायत चुनाव से बचने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को हर चुनाव में हार का डर है, इसलिए वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लगातार टाल रही है।
धस्माना ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी कॉलेज समेत कई अन्य कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव जानबूझकर नहीं कराए गए। सरकार को यह आशंका थी कि उनके समर्थित छात्र संगठन चुनाव हार जाएंगे। इसी तरह, सहकारिता चुनाव भी पिछले लंबे समय से विभिन्न बहानों से टाले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में चुनाव नहीं कराए गए हैं। हाई कोर्ट में बार-बार हलफनामा देकर भी सरकार ने निकाय चुनाव कराने से परहेज किया। इसके चलते प्रदेश की जनता को बिना जनप्रतिनिधियों के रहना पड़ रहा है और उनकी समस्याएं भगवान भरोसे छोड़ दी गई हैं।
धस्माना ने आगे कहा कि पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने अब तक पंचायत चुनाव कराने की कोई ठोस पहल नहीं की है। पंचायतों में प्रशासन नियुक्त करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आयोग न तो निकाय चुनाव कराने में सक्षम है और न ही पंचायत चुनाव कराने में। ऐसे में बेहतर होगा कि निर्वाचन आयोग के दफ्तर में ताले डाल दिए जाएं।
धस्माना ने कहा कि धामी सरकार की लोकतंत्र में कोई आस्था नहीं है। वह स्थानीय निकायों और पंचायतों को निर्वाचित नहीं करना चाहती, जो लोकतंत्र के पहले पायदान को कमजोर करने का स्पष्ट प्रमाण है।
कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव कराने के लिए पूरे राज्य में निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके जरिए प्रदेश सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।