Monday, December 23, 2024
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उत्तराखंड टूरिज्मः द काइजन वे टू सस्टेनेबिलिटी एंड प्रोग्रेस पुस्तक का विमोचन 

देहरादून,

सेनि ब्रिगेडियर डॉक्टर बीपीएस खाती के तत्त्वावधान में लिखित पुस्तक उत्तराखंड टूरिज्मः द काइजन वे टू सस्टेनेबिलिटी एंड प्रोग्रेस का विमोचन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र परेड ग्राउंड के सभागार में किया गया।

इस अवसर पर सेनि लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह, ब्रिगेडियर वीपीपीएस गुसांईं सहित अन्य अतिथि और मित्रजनों की उपस्थिति में इस पुस्तक का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर अतिथि वक्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में सभी उद्योगों, सेवाओं, पर्यावरण मानव संसाधन, जलवायु परिवर्तन और अन्य प्रथाओं के लिए साधारणीय प्रथायें चर्चा का विषय बन गई हैं। वक्ताओं ने कहा कि मनुष्य की आत्म-विनाश की प्रकृति ऐसे सभी मुद्दों पर अपनी छाप छोड़ रही है।

वक्ताओं ने कहा कि ऐसे में पर्यटन के सतत विकास की नितान्त जरुरत समझी जानी चाहिए। वक्ताओं ने यह भी कहा कि पर्यटन, दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग, वैश्वीकृत दुनिया में निरंतर प्रासंगिकता दिखा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि विकास की इतनी जबरदस्त संभावनाओं के साथ, स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण के संरक्षण के लिए सावधानीपूर्वक योजना, विकास और प्रबंधन आवश्यक है।

इस अवसर पर वक्ताओं ने इस पुस्तक के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि लेखक को बारे पर्यटन विषय की बहुत गहरी समझ है और उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से पर्यटन के दीर्घकालिक लाभ और अस्तित्व के उद्देश्य को रेखांकित करने का शानदार प्रयास किया है।

इस अवसर पर पुस्तक के लेखक ब्रिगेडियर बीपीएस खाती ने कहा कि काइजेन एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है क्रमिक और व्यवस्थित, निरंतर सुधार। उन्होंने बताया कि काइजेन का शाब्दिक अर्थ है परिवर्तन काई परिवर्तन, जेन अच्छा बनना है। उन्होंने बताया कि काइजेन रणनीति लोगों के साथ शुरू होती है और खत्म होती है। काइजेन के साथ शामिल नेतृत्व लोगों को उच्च गुणवत्ता, कम लागत और समय पर डिलीवरी की अपेक्षाओं को पूरा करने की उनकी क्षमता में लगातार सुधार करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

इस अवसर पर सेनि ब्रिगेडियर खाती ने कहा कि कैजेन प्रबंधन सिद्धांतों के अनुसार आगे बढ़ने की उनकी जोरदार वकालत व्यावहारिक, भविष्योन्मुखी और उत्तराखंड के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है, जहां 70 प्रतिशत भूभाग में जंगल और पहाड़ हैं। इस अवसर पर पुस्तक के लोकार्पण के पश्चात पुस्तक पर एक चर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लेखक, विचारक और विश्लेषक ब्रिगेडियर वीपीपीएस गुसांईं के साथ अकादमिक, कवि, लेखक व स्तम्भकार रत्ना मिनोचा ने पुस्तक के विविध पक्षों पर महत्वपूर्ण बातचीत की।

इस अवसर पर चर्चा व बातचीत में यह बात उभर कर आयी कि पर्यटन, दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग, वैश्वीकृत दुनिया में निरंतर प्रासंगिकता दिखा रहा है। इस अवसर पर विकास की इतनी जबरदस्त संभावनाओं के साथ, स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण के संरक्षण के लिए सावधानीपूर्वक योजना, विकास और प्रबंधन आवश्यक है।

इस अवसर पर बातचीत में कहा गया कि अपराध, ड्रग्स आदि समस्याएँ और भी बढ़ जाती हैं। इस दौरान लेखक सेनि ब्रिगेडियर खाती, उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के मूल निवासी हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं।उन्हें जून 1973 में तीन पैरा (एक कुमाऊं) पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) में कमीशन दिया गया था।

इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिऐट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथिजनों व लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, सैन्य अधिकारी, लेखक आदि लोग उपस्थित रहे।

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