देहरादून ,
आखिर किस के शरण में पनप रहा है भ्रष्टाचार का लाखो का खेल ,
कितने नए पाइपों की जगह पुराने पाइपों पाइपों का किया गया इस्तेमाल ,
कोलागढ़ में भी हो चुका इस तरह का खेला ,साल भर बाद भी नहीं पूरी हो पाई जांच ,
विभाग में जांच के नाम पर हो रही है केवल खाना पूर्ति ,
किया इसी लिए समय से पहले कर दिया गया था मोनिका वर्मा का ट्रांसफर ,या कोलागढ़ मामले में अधिकारिओ की बात न मानने का भुगतना पड़ा खामियाजा ,
अब सवाल यह पैदा होता हे की किया मोनिका वर्मा थी भ्रष्टाचारीओ के रास्ते का रोड़ा ,
सचिवालय में धूल खाक रही है भ्रष्टाचारीओ की जांच की फाइलें ,
ऐसे ही पनपता रहेगा उत्तराखंड में भ्रष्टाचारीओ का भ्रष्टाचार,
शहर में कई जगह जल संस्थान द्वारा नई पाइप लाइन का कार्य किया जा रहा है ,जिसकी देख रेख विभागीय अधिकारिओ द्वारा किया जा रहा है ,सहस्त्रधारा में आई टी से लेकर कुल्हान गांव तक भी नै पाइप लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है ,जिसमे ठेकेदार द्वारा कई जगहों पर पुरनी ही पाइप लाइन को ही जोड़ने का काम कर रही है। जिसमे ठेकेदार द्वारा नए पाइपों की जगह पुराने पाइपों को जोड़ा जा रहा है और साथ साथ उनको मिट्टी से ढका जा रहा है। रोड के दोनों साइडो पर नई पाइप लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है और दोनों ही जगह पर पुराने पाइपों जो ही जोड़ा जा रहा है ,सवाल यह पैदा होता हे की लगा तार डीएम और विभगीय अधकारिओ के निगरानी में किये जा रहे लाखों रूपये के टेंडर में इतना बड़ा भ्रष्टाचार कैसे हो रहा है ,यह कार्य जल संस्थान उतर डिवीजन द्वारा कराया जा रहा है। जहाँ पर बताया जा रहा है की जिस ठेकेदार को टेंडर दिया गया है वह विभागीय अधिकारी के खास परिचित है ,जिस कारण से ठेकेदार की किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं है।
वही अप्पोलो स्कूल के पास से भी ठेकेदार ब्रज भूषण द्वारा भी कार्य किया जा रहा है जिसमे केवल पुरानी पाइप लाइन को उखाड़ कर उसी की मरम्त कर लाइन डाली जा रही है। इस तरह के कार्यो से विभाग की कार्य शैली पे सवाल उठना लाजमी है।
जल संसथान उत्तर में पर्व अधिशासी अभिंयता रही मोनिका वर्मा द्वारा विभाग में भ्रस्ट ठेकेदरों और विभाग के अधिकारिओ द्वारा मनमाने ढग से दिए जा रहे कार्यो पर रोक लगाई थी,मोनिका वर्मा के खिलाफ साजिश कर उनको उत्तर डिवीजन से उनका रातो रात उनका ट्रांसफर कर दिया गया ,कई ठेकेदारो द्वारा कहा जा रहा है की मोनिका वर्मा की साफ छवि से मुख्यालय के अधिकारियो के ठेकेदारों को टेंडर नहीं मिल प् रहे थे जिसके कारण उनका ट्रांसफर कर दिया गया जिसका जीता जगता सबूत उत्तर डिवीजन में हो रहे मनमाने ढंग से किये जा रहे कार्यो से अंदाजा लगाया जा सकता है।