रायपुर/देहरादून ,
अपराध में सम्मिलित तीन व्यक्तियों को रायपुर पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने किया गिरफ्तार,
अभियुक्तगणों के कब्जे से लूटी गयी नगदी 2,00,000-रूपये नगद, 06 मंहगे मोबाइल फोन, 02 लैपटाप, एक टैब, महत्वपूर्ण रजिस्टर, घटना में प्रयुक्त कार, नकली पिस्टल, वाकी टाकी को किया बरामद,
अमित कुमार पुत्र ईश्वर चन्द निवासी सहस्त्रधारा रोड देहरादून ने थाना रायपुर में एक प्रार्थना पत्र दिया तथा पूछने पर बताया कि उक्त तिथि को प्रातरू 06ः15 बजे के लगभग तीन व्यक्ति उनके फ्लैट में आये । फ्लैट में वादी सहित उनका एक कर्मचारी मुकुल त्यागी व उसकी एक महिला मित्र मौजूद थी । तीनों व्यक्तियों ने मास्क पहन रखे थे । जिनमें से 02 व्यक्तियों के पास पिस्टल व 02 वाकी टाकी थे। जिनके द्वारा पिस्टल दिखाकर झूठी वीडियो बनायी तथा कमरे में रखी नगदी, 02 लैपटाप, 06 मोबाइल फोन व अन्य सामान ले लिया । जिनके द्वारा महिला को छोड दिया तथा वादी व मुकुल त्यागी को वादी की ही कार XUV 300 में बैठाकर प्रूडैन्ट ट्रैडिंग एकेडमी से 17 न्यू सर्वे रोड रोजगार तिराहा लेकर आये तथा एकेडमी में तलाशी लेकर वादी व मुकुल त्यागी को वादी की ही गाडी में बैठाकर देहरादून में घूमाते रहे तथा पैसे की मांग करने लगे जिस पर वादी के द्वारा अपने परिजनों से फोन से बात कर रूपये मांगे । मौका देखकर वादी मौहेब्बेवाला के पास गाडी से उतरकर भाग गया तथा तीनों व्यक्ति मुकुल त्यागी को लेकर डांट काली मन्दिर पहुंचे जहां पर मुकुल त्यागी और कार को छोडकर तीनों भाग गये । वा
सरिता डोबाल पुलिस अधीक्षक नगर एवं अभिनय चौधरी क्षेत्राधिकारी डोईवाला देहरादून द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर वादी अमित कश्यप व मुकुल त्यागी से विस्तृत पूछताछ कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गयी तथा स्वयं के मार्गदर्शन व पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष रायपुर के नेतृत्व में टीम गठित कर रवाना की गयी।
पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों व घटनास्थल से एकेडमी तक आने जाने वाले मार्गों व वादी द्वारा बताये गये स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया तो वादी के वाहन ग्न्ट के साथ साथ एक संदिग्ध वाहन ग्न्ट सफेद रंग चलता दिखायी दिया । गहनता से अवलोकन पर पाया कि संदिग्ध वाहन XUV 300 न0 uk07AF 9398 का नम्बर प्रकाश में आया तथा घटना में फ्लैट में तीन व्यक्तियों के आने व जाने की फुटैज प्राप्त हुई । घटना में कुल 04 व्यक्तियों की सम्मिलित होना पाया गया । वाहन का रजिस्ट्रेशन आशीष कुमार पुत्र वेदप्रकाश निवासी ग्राम बंजारन नुकुड सहारनपुर उ0प्र0 के नाम पंजीकृत होना पाया गया । पुलिस टीम द्वारा आशीष कुमार उपरोक्त के पते पर दबिश दी गयी तो आशीष कुमार अपने घर से लगातार फरार चल रहा था व मोबाइन नम्बर लगातार स्विच आफ आ रहा था । थानाध्यक्ष कुन्दन राम, चौकी प्रभारी मयूर विहार सहित पुलिस टीम के नकुड सहारनपुर क्षेत्र में पहुंचकर अभियुक्त गणों की गिरफ्तारी हेतु विभिन्न स्थानों पर दबिश दी गयी व गिरफ्तारी व माल की बरामदगी हेतु भरसक प्रयास किये गये । पुलिस द्वारा लगातार किये गये प्रयासों के परिणाम स्वरूप घटना में सम्मिलित अभियुक्तगणों आशीष, सोनू व सुमित कुमार को मय घटना में प्रयुक्त वाहनXUV 300 न0 uk07AF 9398 के नकुड-गंगोह रोड जैनपुर गांव से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गयी ।
तीनों अभियुक्त द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करते हुए बताया कि चौथा अभियुक्त अभिषेक सैनी है जो कि वादी अमित कश्यप के पास देहरादून में ट्रेडिंग का काम सीखता था । अभिषेक सैनी ने हमें बताया कि अमित कश्यप शेयर ट्रेडिंग का काम करता है । लोगों से रूपये लेकर मार्केट में निवेश करता हैं । अमित कश्यप के पास कई वॉलेट हैं जिनमें करोड़ों रुपए हो सकते है एक वॉलेट जो हमारी जानकारी में है, उसमें करीब 95 लाख रूपये होने की जानकारी मिली थी । अमित कश्यप ने आशीष से 06 लाख रूपये ट्रेडिंग के लिये थे जो उसने वापस नही किये थे । माह अगस्त में अमित कश्यप ने मुजफ्फरनगर में एक सेमिनार किया था, जिसमें उसने अपने ट्रेडिंग से सम्बन्धित डायमण्ड प्लाट को प्रमोशन करने हेतु काफी खर्चा किया था । जिसमें उसने कई लोगो को कार, मो0सा0, एलईडी, मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच गिफ्ट दिये थे । जिससे हमें विश्वास हो गया था कि अमित कश्यप के पास ठीक-ठाक पैसे है । जिस पर हम चारों ने मिलकर योजना बनायी कि हम अमित कश्यप से उसका लैपटाप मोबाइल फोन लेंगे उसके लैपटाप मोबाइल फोन में उसके वालेट से रूपयों को अपने वालेट में ट्रांसफर कर देगें । इतने रूपयों का लेखा जोखा अमित पुलिस को नही बता पायेगा । इसके लिये हमने दो लाइटर वाली नकली पिस्टल, आपस में बात करने के लिये दो वाकी टाकी मुह छुपाने के लिये मास्क और हम इनको लेकर कहाँ जा रहे यह ये देख न सके के लिये काला नकाब खरीदा ।
योजना के अनुसार आशीष अपने मित्र सुमित के साथ 28-08-2023 को देहरादून आया जहाँ सुमित का मित्र सोनू आईएसबीटी में मिला इसके बाद तीनों लोग अभिषेक के साथ मोथरोवाला में मिले । हमने घटना में आशीष की कार XUV300 सफेद रंग का प्रयोग किया । सबसे पहले हम अमित की एकेडमी पहुंचे व एकडेमी के बाद उसके फ्लैट नियर हैरीटेज स्कूल पर पहुंचे फ्लैट में ताला लगा होने के कारण हम लोग वापस राजपुर रोड की तरफ चले गये । रात में 10.30 बजे हम दुबारा अमित के फ्लैट में पहुंचे तो अमित व मुकुल त्यागी के साथ एक लडकी नशे में दिखायी दी । जिस पर हमनें दूसरे दिन सुबह योजना को अन्जाम देने की प्लालिंग की । हम चारों सुबह 06.15 बजे अमित के फ्लैट के पास पहुंचे गाडी में अभिषेक बैठा रहा तथा आशीष, सोनू व सुमित मास्क लगाकर व नकली पिस्टल व एक वाकी टाकी लेकर फ्लैट में पहुंचे जहाँ दरवाजा खुलवाकर अन्दर मौजूद अमित, मुकुल व महिला को अपना परिचय सीबीआई के रूप में दिया तथा वीडियो बनाकर डराया धमकाया तथा वोलेट की जानकारी मांगी लेकिन अमित व मुकुल त्यागी ने कोई जानकारी नही दी तो उनके फ्लैट में रखे 3,25,000-रूपये, उनके 06 मोबाइल, 02 लैपटाप, एक टैब उनके रजिस्टर, पासपोर्ट, आधार कार्ड लेकर अमित व मुकुल त्यागी को अमित की ही गाडी में बैठाकर लेकर एकेडमी आये और महिला को छोड दिया । अमित की गाडी के साथ-साथ दूसरी गाडी में अभिषेक दूसरी गाडी से साथ-साथ चल रहा था जिससे हम वाकी टाकी से बात कर रहे थे ।
घटना के समय हम चारों ने अपने मोबाइल फोन बन्द कर रखे थे । एकेडमी में इनके कम्प्यूटर चौक किये लेकिन कोई जानकारी नही मिली इनका डीवीआर लेकर इनसे रूपयों की मांग की अमित ने अपने घर वालों से पैसे मंगवाये तथा नागल सहारनपुर पहुंचकर 05 लाख और रूपयें देने की बात की । मौहेब्बेवाला के पास पहुंचकर अमित ने बताया कि उसका मोबाइल की बैटरी खत्म हो रही है तथा जैसे ही हमने गाडी रोककर इसके लिये डाटा केवल लेने उतरे अमित भाग गया । हमने मुकुल त्यागी को डाट काली पहुंचकर अमित गाडी सहित छोड दिया और वापस देहरादून आकर अभिषेक को मोथरोवाला चौक छोडकर हम तीनों हरिद्वार के रास्ते सामान लेकर सहारनपुर पहुंचे सहारनपुर में हमने सोनू को एक लाख 10 हजार रूपये देकर छोड दिया व हम दोनों अपने-अपने घर चले गये । अगले दिन हमें जानकारी मिली की पुलिस हमें ढूंढ रही ही, हम चारों ने अपने-2 फोन बन्द कर दिये और सिम तोड दिये तथा आशीष, सुमित गाँव में छुपे रहे व अभिषेक देहरादून से फरार हो गया । दूसरे दिन सोनू भी हमारे पास सहारनपुर आ गया और हम तीनों गांव में अलग-2 जगह छुपे रहे । पुलिस द्वारा लगातार हमारे घरवालों, दोस्तों, परिचितों व रिश्तेदारों के यहां हमें पकडने के लिये दबिश दी जी रही थी जिससे परेशान होकर हम तीनों ने सहारनपुर से बंगलौर जाने की योजना बनायी लेकिन इससे पहले पुलिस ने हमें पकड लिया । इस सारी योजना को हम चारों ने मिलकर बनायी थी ।