देहरादून,
मंत्री बोले – अटल जी का उत्तराखंड से रहा गहरा नाता, राज्य निर्माण में वाजपेयी की अहम भूमिका,
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गढ़ी कैंट डाकरा स्थित वेडिंग प्वाइंट में पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हुए उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए सभी को सुशासन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी अजातशत्रु थे। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता रहा है। दशकों की लंबी मांग के बाद अगर उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य के रूप में वजूद में आ पाया तो इसमें सबसे निर्णायक भूमिका अटल बिहारी वाजपेयी की रही। उन्होंने कहा राज्य के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों को जोड़ने का काम भी अटल बिहारी वाजपेयी की दूरगामी सोच के कारण ही सम्भव हो सका। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा है।
उन्होंने कहा कि सुशासन का एक आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी ने स्थापित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण देकर अपनी राष्ट्रभाषा को मजूबत करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी बल्कि अन्य दलों के लिए भी प्रेरणाश्रोत और आदर्श थे। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा वाजपेयी के समय में जब केन्द्र में एक वोट से सरकार गिर गयी थी। तब अगर वह चाहते तो सरकार बना सकते थे। लेकिन उन्होंने जनादेश का पालन किया और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी वाजपेयी के पद चिन्हों पर चलकर देश को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी के कुशल मार्गदर्शन और प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार देश एवं प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा देशहित में किए गए कार्यों के लिए राष्ट्र सदैव उनको स्मरण रखेगा।
उन्होंने कहा कि यह वाजपेयी जी ही थे, जिन्होंने कारगिल युद्ध का सफल नेतृत्व किया और पहली बार शहीदों के पार्थिव शरीर तिरंगे झंडे में उनके परिवार तक भेजने और पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई की व्यवस्था के साथ ही शहीदों के परिवारों को गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप देने का फैसला भी अटल बिहारी वाजपेयी की देन है।
गोष्ठी को मंडल अध्यक्ष ज्योति कोटिया ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने अटल जी को याद करते हुए कहा कि वह सदैव सभी कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत रहेंगे।