रामनगर,(संवाददाता)
कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर कोसी नदी के तट पर स्थित गर्जिया मंदिर में दो दिवसीय मेले में हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। यूपी तथा उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से श्रद्धालुओं का गर्जिया मंदिर पहुंचने का सिलसिला देर रात से ही शुरू हो गया था। सुबह 11 बजे तक 10 हजार से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। बीते सालों की अपेक्षा इस बार मेले में कम श्रद्धालुओं के आने से मेले में लगी दुकानों के मालिकों के चेहरे पर प्रसन्नता नहीं दिखी।
गर्जिया मंदिर में मंदिर समिति व प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां को कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले ही पूर्ण कर लिया गया था। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर कल मेले का शुभारंभ किए जाने के बाद रात से ही गर्जिया मंदिर में काशीपुर, ठाकुरद्वारा, जसपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, कालाढूंगी, हल्द्वानी, मुरादाबाद, रामपुर बाजपुर आदि स्थानों से बसों और ट्रेनों से श्रद्धालुओं की आवाजाही का सिलसिला शुरू हो गया था, जो कि शुक्रवार दोपहर तक जारी रहा। शुक्रवार तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालुओं में कोसी नदी में आस्था की डुबकी लगाने की होड़ लगने लगी। दूर दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर रखे माता के डोले के दर्शन कर माता के दरबार में अपनी व परिवार की खुशहाली के मनोकामनाएं मांगी।
मेले के दौरान पुलिस व प्रशासन मुस्तैद नजर आया। कोसी नदी में आकस्मिक दुर्घटना से बचाव के लिए जल पुलिस को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। हाल ही हुई मर्चूला बस दुर्घटना के बाद हुए सतर्क प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को लेकर कहीं कोई चूक नहीं होने दी। रामनगर के सभी सीमा बैरियर पर कड़ी जांच पड़ताल के बाद ही श्रद्धालुओं को गर्जिया आने दिया गया। वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी के लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरटीओ हल्द्वानी के साथ एआरटीओ काशीपुर मौजूद रहे। खुद एसडीएम राहुल शाह तथा सीओ बीएस भंडारी के साथ कोतवाल अरुण कुमार सैनी अपने मातहतों के साथ सुरक्षा व्यवस्था के पहलू पर निगरानी किए रहे। मंदिर समिति के अनुसार दोपहर तक हजारों श्रद्धालुओं ने कोसी नदी में स्नान कर लिया था। दोपहर बाद श्रद्धालुओं की भीड़ में कमी आई। श्रद्धालुओं के लिए भक्तों द्वारा कोसी घाट के साथ ही कई अन्य स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया था।