देहरादून,
भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत के सीएम आवास घेराव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सब कॉंग्रेस नेताओं में जारी वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा है। जिसमे चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के राजनैतिक स्टंट किए जा रहे हैं, लिहाजा जनता कॉंग्रेस और उनके ऐसे कार्यक्रमों को गंभीरता से नहीं ले रही है | हरिद्धार समेत प्रदेश की जनता को पूरी तरह धामी सरकार के कार्यों के पर विश्वास है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मीडिया द्धारा पूछे गए सवालों का जबाब देते हुए कहा कि हरीश रावत के नेतृत्व में उनके कॉंग्रेस समर्थकों के घेराव कार्यक्रम का जनसरोकारों से कोई नाता नहीं नहीं है | आपसी गुटबाजी का ही नतीजा है कि पहले दिन एक गुट का कार्यक्रम होता है तो दूसरे दिन दूसरे गुट का आयोजन हो रहा है।
हाल में ही मातृत्व के सम्मान को ताक पर रखते हुए करन माहरा के नेतृत्व में उनके समर्थक सीएम आवास घेराव करने पहुंचे थे। अब चूंकि हरीश रावत गुट के लिए प्रतिष्ठा का विषय था लिहाजा जनता की परेशानियों को दरकिनार उनकी अगुआई में दो दिन के अंतराल पर दोबारा सीएम आवास का घेराव किया गया | कॉंग्रेस के नेताओं का जनसमस्याओं से कोई सरोकार नहीं है, वे सिर्फ एक दूसरे से आगे निकलने की होड में तख्तियों और जुबां मुद्दों को लेकर आते हैं और कार्यक्रम समाप्त होते उन्हे पीछे छोड़ जाते हैं |
भट्ट ने कॉंग्रेस के आरोपों पर स्पष्ट करते हुए कहा कि बाढ़ से हरिद्धार हुए नुकसान का स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्थलीय निरीक्षण किया और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के कामों का स्वयं निगरानी की । उनके निर्देशों पर वहाँ शासन प्रशासन पूरी गंभीरता से जनता की मदद और नुकसान की भरपाई को लेकर आवश्यक कदम उठा रहा है | कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और गणेश जोशी प्रभावित क्षेत्र में पीड़ित किसानों से मिलकर मुआवजे से लेकर उनकी तमाम समस्याओं को दूर करने की कोशिशों में लगे हैं | उन्होने ज़ोर देते हुए कहा, हरिद्धार की जनता सरकार की कोशिशों से पूरी तरह संतुष्ट है और यही वजह है कि वहाँ किसी भी तरह का कोई जन आंदोलन नहीं चल रहा है | लेकिन मीडिया की सुर्खियों में रहने के लिए हरीश रावत राजधानी में विरोध प्रदर्शन और घेराव का यह पूरा राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित किया हैं |
भाजपा सरकार किसानों, फल उत्पादकों एवं मतस्य, मौन, पशुपालन उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए अनेकों योजनाएँ संचालित कर रही है, चाहे उन्हे आधुनिक प्रशिक्षण देना हो, चाहे आसान ऋण उपलब्ध कराना हो, चाहे जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए एमएसपी लागू करना हो, 80 फीसदी सब्सिडी के साथ कृषि यंत्र दिया जाना हो, चाहे एप्पल मिशन हो, चाहे कीवी उत्पादन को बढ़ावा देना हो | ऐसी अनगिनत योजनाओं से प्रदेश के किसान लाभान्वित हो रहे हैं लेकिन कॉंग्रेस नेताओं को यह सब नज़र नहीं आता है क्यूंकि वे स्वयं जनता के मध्य कहीं नज़र नहीं आते हैं | वे सब सोशल मीडिया पर हे राजनीति करते दिखाई देते हैं या फिर मीडिया के कैमरों का फोकस अपनी और करने के लिए ऐसे कार्यक्रम करते नज़र आते हैं | उन्होने ज़ोर देते हुए कहा, प्रदेश की जनता कॉंग्रेस की इन सब कारगुजारियों को भली भांति पहचान चुकी है, लिहाजा वह कॉंग्रेस और उनके ऐसे कार्यक्रमों को गंभीरता से नहीं लेती है |